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Full concept of Electrochemistry
रसायन विज्ञान के इस शाखा में विद्युत ऊर्जा एवं रासायनिक ऊर्जा के परस्पर संबंध का अध्ययन किया जाता है।
Electrochemical cell(विद्युत रासायनिक सेल):- यह सेल रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं। जैसा कि डेनियल सेल।
Electrolytic cell(विद्युत अपघटनी सेल):- यह सेल विद्युत ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं जैसे कि विद्युत अपघटन।
Oxidation(ऑक्सीकरण):- इलेक्ट्रोन दान करने की क्रिया को ऑक्सीकरण कहते हैं।
- ऑक्सीकरण संख्या में वृद्धि
- इलेक्ट्रॉन मुक्त करना
- इलेक्ट्रॉन की हनी
Galvanic cell:-
इन सेलों में रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है। इस सेल की कार्य प्रणाली रेडॉक्स अभिक्रिया पर आधारित है। इसमें ऑक्सीकरण तथा अपचयन की अभिक्रिया अप्रत्यक्ष रूप से भिन्न भिन्न पात्रों में होती है जो लवण सेतु से आपस में जुड़े होते हैं।
इस सेल को बनाने के लिए ‘Zn’ धातु की एक छड़ को ZnSO₄ की विलयन में तथा ‘Cu’ धातु की एक छड़ को CuSO₄ के विलयन में रखकर लवण सेतु के द्वारा जोड़ दिया जाता है। इस सेल का एक अर्द्धसेल Zn इलेक्ट्रोड तथा दूसरा अर्द्धसेल Cu इलेक्ट्रोड है। इन दोनो अर्द्धसेल को KCl लवण सेतु द्वारा जोड़ने पर पूर्ण सेल बनता है। इस युक्ति के द्वारा रसायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है।
Anode(-) Zn → Zn²⁺ + 2e⁻
Cathode(+) Cu²⁺ + 2e⁻ → Cu
Salt bridge function(लवण सेतु के कार्य):-
- इसके द्वारा सेल के दोनों विल्यानों के मध्य विद्युत परिपथ पूर्ण होता है।
- इसके कारण दोनों विलयन आपस में नहीं मिलते हैं।
- या दोनों द्रवों की संधि पर उत्पन्न होने वाला द्रवसंधि विभव को उत्पन्न होने से रोकता है।
Electrolysis(विद्युत अपघटन):-
किसी विद्युत अपघटनीय पदार्थ के जलीय विलयन या गलित में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर रसायनिक क्रिया होती है इस घटना को विद्युत अपघटन कहते हैं।
Faraday’s Laws(फैराडे का नियम):-
इस नियम के अनुसार किसी सेल के इलेक्ट्रोड पर मुक्त पदार्थ की मात्र और उसमे प्रवाहित विधुत धारा के बीच फैराडे द्वारा निम्नलिखित नियम दिया गया है :-
First Law:- इस नियम के अनुसार किसी सेल के इलेक्ट्रोड पर मुक्त पदार्थ की मात्रा उसमे प्रवाहित हो रही विधुत धरा के समानुपाती होती है|
जहाँ W ग्राम में इलेक्ट्रोड पर मुक्त पदार्थ की मात्रा है, t सेकंड में बिजली की प्रवाह, z एक नियतांक है, I एम्पेयर में विधुत धारा, Q आवेश है|
Second Law:- इस नियम के अनुसार जब श्रेणी में जुड़े विभिन्न सेल में सामान विधुत की मात्रा प्रवाहित की जाये तो विभिन्न इलेक्ट्रोड पर मुक्त पदार्थ का भार तुल्यंकी भार के समानुपाती होता है|

Electrode potential(इलेक्ट्रोड विभव):-
किसी इलेक्ट्रोड की इलेक्ट्रॉन दान करने अथवा ग्रहण करने की प्रवृत्ति को उसका इलेक्ट्रोड विभव कहते हैं।
यह निम्न कारकों पर निर्भर करता है:-
- धातु की प्रवृत्ति पर
- विलयन की सुंदरता पर
- तापमान पर
Types of Electrode potential(विद्युत विभव के प्रकार):-
- Reduction potential(अपचयन विभव):- यह इलेक्ट्रोड की इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की प्रवृत्ति होती है।
- Oxidation potential( ऑक्सीकरण विभव):- यह इलेक्ट्रोड की इलेक्ट्रॉन प्रदान करने की प्रवृत्ति होती है।
Note:- डेनियल सेल में जिंक इलेक्ट्रोड ऑक्सीकरण विभव और कॉपर इलेक्ट्रोड अपचयन विभव प्रदर्शित करता है।
Standard electrode potential(मानक इलेक्ट्रोड विभव):-
एक अर्द्धसेल में 298K ताप पर 1mol/l संद्रता के धातु विलयन में इलेक्ट्रोड का विभव मानक इलेक्ट्रोड विभव कहलाता है। इसे E⁰ से सूचित किया जाता है।
electromotive force of the cell(सेल का विद्युत वाहक बल):- सेल के दोनो इलेक्ट्रोड(anode और cathode) के विभव के अंतर को विद्युत वाहक बल कहते है। जब सेल में कोई विद्युत धारा प्रवाहित न हो रही हो।
Standard hydrogen electrode(मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड):-
एक कांच की नली में प्लेटिनियम की तार सील करके उसके एक सिरे पर शुष्क विभाजित pt से लेपित पन्नी सील कर दी जाती है इसे एक बीकर में रखते हैं जिसमें जलीय विलियन HCl का एक मोलर सांद्रता वाला विलयन भरा होता है।
Electrolytic conductors(विद्युत अपघट्य):-
वह पदार्थ जो जल में घुलने पर अपने आयनों में टूट जाते हैं, उसे विद्युत अपघट्य कहते हैं।
विद्युत अपघट्य के प्रकार:-
- प्रबल विद्युत अपघट्य:- वह विद्युत अपघट्य जो प्रत्येक तबुता पर पूर्णतः आयनीत हों जाते है। जिससे इन विलयन में आयनों की संख्या अधिकतम हो जाती है। इसके विलयन की चलकता उच्च होती है।
- दुर्बल विद्युत अपघट्य:- वह विद्युत अपघट्य जो विलयन में आंशिक रूप से वियोजीत होते है। जिससे इन विलयन में आयनों की संख्या कम होती है। इसके विलयन की चलकता कम होती है।
Ohm’s Law(ओह्म का नियम):- चालक के सिरों पर आरोपित विभवांतर इसमें बहाने वाले विद्युत धारा के समानुपाती होती है।
V ∝ I
Nernst equation(नर्नस्ट समीकरण):-
किसी इलेक्ट्रोड का विभव उसके आयन के विलयन में सांद्रता तथा ताप पर निर्भर करता है जिसके मध्य संबंध दर्शाने वाले समीकरण को नर्नस्ट समीकरण कहते हैं। जो निम्नलिखित है: –

Fabulous sir jii🙏🙏
Fantastic