Electric current(विद्युत धारा):-
चालक के किसी बिंदु से एकांक समय में गुजरने वाले आवेश को विद्युत धारा कहते हैं।

यदि किसी चालक में एकांक समय में 1 कूलाम आवेश प्रवाहित होता है तो धारा का मान 1 एम्पियर होगा। इसलिए विद्युत धारा का S.I मात्रक एम्पियर होता है।
विद्युत धारा एक अदिश राशि है क्योंकि यह सदिश योग के नियम का पालन नहीं करती है। एमीटर द्वारा विद्युत धारा का मापन होता है तथा एमीटर को श्रेणीक्रम में संयोजित किया जाता है।
विद्युत धारा की दिशा
इलेक्ट्रोन की गति की दिशा के विपरीत या बैटरी के धनात्मक से ऋणात्मक टर्मिनल की ओर मानी जाती है।
Drift velocity(अपवहन वेग):-
विद्युत क्षेत्र की अनुपस्थिति में धातु के सभी मुक्त इलेक्ट्रॉन यादृच्छिक गति में है यादृच्छिक गति के कारण इलेक्ट्रॉन का औसत वेग शून्य हो जाता है।
जब चालक के सिरों पर विभवांतर उत्पन्न किया जाता है अर्थात विद्युत क्षेत्र लगाया जाता है तो मुक्त इलेक्ट्रॉन एक निश्चित दिशा में गमन प्रारंभ कर देते हैं।

“विद्युत क्षेत्र की उपस्थिति में प्राप्त औसत वेग को अपवहन वेग कहते हैं।”
About electric current(विद्युत धारा के बारे में):-
किसी भी चीज का अचानक flow हो जाना धारा कहलाता है। जैसा कि पानी फेंक दिए तो जलधारा, दूध फेंक दिए तो दूध की धारा, ठीक उसी प्रकार इलेक् बीवीट्रॉन के वाह को विद्युत धारा कहते है। अब बात यह आती है की कितना इलेक्ट्रॉन प्रवाह होगा तो विद्युत धारा कहेंगे तो आप यह जानते होंगे की विद्युत धारा को एम्पियर मापते है और 1 एम्पियर 6.25×10¹⁸e/s के बराबर होता है इसलिए “चालक के किसी बिंदु से एकांक समय में गुजरने वाले आवेश को विद्युत धारा कहते हैं।”
आप यह समझने की इलेक्ट्रॉन का प्रवाह होता क्यों है तो जो इलेक्ट्रॉन को पीछे से धक्का देता है उसे Voltage कहते है जितनी कम वोल्टेज होगी उतनी धीरे धारा का प्रवाह होगा जितनी तेज वोल्टेज होगी उतना ही तेजी से धारा का प्रवाह होगा।
अभी तक आप यह समझे कि जो इलेक्ट्रॉन को धक्का देता है उसे वोल्टेज कहते हैं अब आप यह समझिए कि इलेक्ट्रॉन को प्रवाह करने से जो रुकता है उसे Resistance(प्रतिरोध) कहते हैं।
अब आप कुछ topic आसान भाषा में समझे:-
- Tungsten(टंगस्टन):- जब हम इलेक्ट्रॉन का प्रवाह टंगस्टन के ऊपर कराते हैं तो टंगस्टन पूरी तरह से लाल हो जाता है जिसकी वजह से हम इसे बिजली के बल्ब में डाल दिए। इससे आप यह याद रखे की बल्ब में टंगस्टन होता है।
- Nichrome(नाइक्रोम):- जब हम इलेक्ट्रॉन का परवाह नाइक्रोम के ऊपर से कराते हैं तो वह पूरी तरह से लाल हो जाता है गर्मी प्रदान करने लगता है जिसकी वजह से हम इसे जहां गर्मी की जरूरत होती है वहां देते हैं। इससे आप यह याद रखिए कि नाइक्रोम का उपयोग हीटर के रूप में किया जाता है।
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