Force and it’s types with best examples, Full concept of forces, Newton’s laws, In Best way(1)

Force and it’s types

Force and it's types with best examples, Full concept of forces, Newton's laws, In Best way(1)

बल (Forces):- बल धक्का या खिंचाव को कहते है जिसकी सहायता से हम वस्तु के आकार, दिशा और उसके गति के दिशा में परिवर्तन ला सकते है।

बल में परिमाण के साथ-साथ दिशा भी होती है। अतः बल एक सदिश राशि है।

Unit of forces(बल की इकाई):- बल की इकाइयों को दो प्रणाली में बांटा गया है:-

1. Absolute unit of force(बल की निरपेक्ष इकाई):- S.I प्रणाली में न्यूटन(N) बल की पूर्ण इकाई है।

                   1Newton = 1kg m/s²

  Newton(न्यूटन):- 1 न्यूटन बल की वह मात्रा है, जो 1 किलो के द्रव्यमान में 1m/s² का त्वरण उत्पन्न करती है।

        C.G.S प्रणाली में बल का इकाई डायन है।

                   1Dyne = 1cm/s²

  Dyne(डायन):- 1 डायन बल की वह मात्रा है, जो 1 ग्राम के द्रव्यमान में 1cm/s² उत्पन्न करती है।

                   1 Newton = 10⁵dyne

2. Gravitational unit of forces(बल की गुरुत्वाकर्षण इकाई):- S.I प्रणाली में बल की गुरुत्वाकर्षण इकाई किलोग्राम भार(kg-wt) होती है। जिसे किलोग्राम बल भी कहा जाता है।

   Kilogram(किलोग्राम):- एक किलोग्राम भार या किलोग्राम बल वह बल है जो 1kg के द्रव्यमान में 9.8m/s² का त्वरण उत्पन्न करता है।

                    1 kg-wt = 9.8N

Forces:- बलों को निम्नलिखित दो वर्गों में बांटा गया है:-

1. Contact force(संपर्क बल):- जब हम किसी वस्तु को स्पर्श करके उसके आकार, आकृति और दिशा में परिवर्तन ला देते है, तो उसे संपर्क बल कहा जाता है। जैसे:- फुटबॉल को लात मरना, गाड़ी को धक्का लगाना आदि ये सभी संपर्क बल के उदाहरण है।

2. Action at a Distance force(असंपर्क बल):- जब हम किसी वस्तु को बिना स्पर्श किए उसके उसके आकार, आकृति और दिशा में बदलाव ला देते है, तो उसे असंपर्क बल कहते है। जैसे:- गुरुत्वाकर्षण बल, विद्युत बल ये सभी असंपर्क बल है।

Force and it’s types

1. Gravitational force(गुरुत्वीय बल):- पृथ्वी जिस बल द्वारा सभी वस्तुओं को अपनी अपने केंद्र की तरफ आकर्षित करता है, उसे गुरूत्वीय या गुरुत्वाकर्षण बल कहते है।

2. Muscular force(पेशीय बल):- शरीर के पेशियों के द्वारा जिस बल का प्रयोग करके किसी वस्तु के आकार और दिशा में परिवर्तन ला दिया जाता है, उस बल को पेशीय बल कहते है।

3. Electrostatic force(स्थिरवैधुत बल):- वह बल जो दो बिंदुओं के बीच स्थिर आवेश में कार्य करता है, उसे स्थिरवैधुत बल कहते है।

4. Magnetic force(चुंबकीय बल):- आप इस बात को जानते है की लोहे की बनी वस्तु चुंबक की तरफ आकर्षित होती है चुंबक जिस बल के द्वारा वस्तु को अपनी ओर आकर्षित करता है, उसे चुंबकीय बल कहते है।

5. Inter molecular force(अंतर -आण्विक बल):– जो बल दो अणुओं के बीच कार्य करता है, उसे अंतर आण्विक बल कहते है।

6. Internal and External force(आंतरिक और बाहरी बल):- जब हम किसी वस्तु की रचना करते है तो रचना करने वाले पिंडों के बीच को बाल कार्य करता है, उसे आंतरिक बल कहते है। जब हम किसी वस्तु की रचना पूरी कर लेते है तो उसपर जो बाहर से बल लगाकर जो उसके आकर में परिवर्तन लाते है, उस बल को बाहरी बल या बाह्य बाल कहते है।

7. Concurrent force (समवर्ती बल):- जब एक बिंदु पर एक साथ कई बल कार्य करते है, तो उसे समवर्ती बल कहते है।

8. Coplanar force(समतलीय बल):- जब किसी वस्तु पर कई बल एक साथ कई बिंदुओं पर काम करते है, तो उसे समतालीय बल कहते है।

9. Balanced force(संतुलित बल):- जब किसी वस्तु पर लगने वाला कुल बल शून्य हो तो वह बल संतुलित बल के अधीन आता है।

10. Unbalanced forces(असंतुलित बल):- जब किसी वस्तु पर कार्य करने वाले कुल बल का परिमाण शून्य न हो तो उसे असंतुलित बल कहते है।

11. Strong force(प्रबल बल):- जो बल दो प्रोटॉन के बीच कार्य करता है, उसे प्रबल बल कहते है। वह बल कणों के आवेश पर निर्भर नही करता है।

12. Super forces(सुपर बल):- वह बल जो मनुष्य और ईश्वर के बीच कार्य करता है, उसे सुपर बल कहते है। यह एक विशेष प्रकार का बल होता है।

Newton’s laws(न्यूटन के गति के नियम)

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आइजैक न्यूटन ने 1686 में गति के तीन नियम प्रतिपादित किए। जो निम्नलिखित है:-

1. न्यूटन के गति का प्रथम नियम:- न्यूटन के प्रथम नियम के अनुसार “जब कोई वस्तु गति में है तो वह तब तक गति में रहना पसंद करेगी जब तक उस पर कोई बाह्य बल न लगाया जाय”। न्यूटन के गति के प्रथम नियम को जड़त्व का नियम भी कहा जता है।

2. न्यूटन के गति का द्वितीय नियम:- न्यूटन के द्वितीय नियम के अनुसार “किसी वस्तु पर कार्य करने वाला बल वस्तु के द्रव्यमान के गुणनफल और बल द्वारा शरीर में उत्पन्न त्वरण के समानुपती होता है। बल त्वरण की दिशा में कार्य करता है।”

3. न्यूटन के गति का तृतीय नियम:- न्यूटन के गति का तृतीय नियम के अनुसार “हर क्रिया के बराबर विपरीत प्रतिक्रिया होती है।” न्यूटन के गति का तृतीय नियम को क्रिया – प्रतिक्रिया भी कहा जाता है।

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